आना भी नहीं है कही जाना भी नहीं है,
अब मिलने मिलाने का जमाना भी नही है।
तुम भी तो थे मेरे चाहने वालों में शामिल,
किस्सा ये खास कोई पुराना भी नहीं है।
इस दिल में तो कई राज़ ऐसे भी हैं जिनको,
करना भी नही याद भुलाना भी नहीं है।
दुनिया को बुरा कहना है हर हाल में लेकिन,
दुनिया को हमे छोड़ के जाना भी नहीं है।
मंदिर में भी मयखाने में भी शोर बहुत है,
अपना तो कहीं और ठिकाना भी नहीं है।
साहिल पे गुज़र हो तो समंदर से गरज क्या,
खोना भी नहीं कुछ हमे पाना भी नहीं है।
कुछ लोग न समझे हैं न समझेंगे हकीकत,
हमको ये ग़ज़ल उनको सुनाना भी नही है।
अब मिलने मिलाने का जमाना भी नही है।
तुम भी तो थे मेरे चाहने वालों में शामिल,
किस्सा ये खास कोई पुराना भी नहीं है।
इस दिल में तो कई राज़ ऐसे भी हैं जिनको,
करना भी नही याद भुलाना भी नहीं है।
दुनिया को बुरा कहना है हर हाल में लेकिन,
दुनिया को हमे छोड़ के जाना भी नहीं है।
मंदिर में भी मयखाने में भी शोर बहुत है,
अपना तो कहीं और ठिकाना भी नहीं है।
साहिल पे गुज़र हो तो समंदर से गरज क्या,
खोना भी नहीं कुछ हमे पाना भी नहीं है।
कुछ लोग न समझे हैं न समझेंगे हकीकत,
हमको ये ग़ज़ल उनको सुनाना भी नही है।