कुछ खामियां हैं मुझमें ,
माफी मांगने से पहले शिर झुका लेता हूं ,
किसी को सताने से पहले जरा दोस्ती बढ़ा लेता हूं ,
गुमसुम सा रहता हूं ,
बस ,
खुद से कहता हूं
जब कोई ना हो सुनने वाला
तो
वक्त की सुइयों को बहला लेता हूं
खोजता हूं चंद घड़ियां में , कुछ भूली हुई घड़ी भर पुरानी बातें ,
फिर कुछ बातों को सोच जरा मुस्कुरा लेता हूं
जब किसी से नाराज होता हूं
तो
उनकी राहें तलाश लेता हूं
जब लगता है फिर अकेला हो गया हूं
गुमसुम सा होके फिर
नींदों में जाकर सपनों के मकान सजा लेता हूं
सपनों की तस्वीर में
जब उनकी यादें आती हैं
तब
उनकी तस्वीरों से बातें बना लेता हूं
हां कुछ खामियां है मुझमें
इसलिए खुद को अकेला बहला लेता हूं
सोच के की
किसी को रुलाने से अच्छा , उसकी हंसी का खजाना ठीक मैं
किसी झूठे वादे से अच्छा , 2 गज दूरी का बहाना ठीक मैं
किसी को चिढ़ाने से अच्छा , भोला होने का तराना ठीक मैं
किसी की आंखों में आंसू से अच्छा , लबों का फसाना ठीक मैं
किसी की मासूमियत को भिगाने से अच्छा, कोरे कागज का लतीफ़ा ठीक मैं
हा शायद कुछ खामियां है मुझ मैं : - ) #It'sJust_A_Poetry_Not_Me.
माफी मांगने से पहले शिर झुका लेता हूं ,
किसी को सताने से पहले जरा दोस्ती बढ़ा लेता हूं ,
गुमसुम सा रहता हूं ,
बस ,
खुद से कहता हूं
जब कोई ना हो सुनने वाला
तो
वक्त की सुइयों को बहला लेता हूं
खोजता हूं चंद घड़ियां में , कुछ भूली हुई घड़ी भर पुरानी बातें ,
फिर कुछ बातों को सोच जरा मुस्कुरा लेता हूं
जब किसी से नाराज होता हूं
तो
उनकी राहें तलाश लेता हूं
जब लगता है फिर अकेला हो गया हूं
गुमसुम सा होके फिर
नींदों में जाकर सपनों के मकान सजा लेता हूं
सपनों की तस्वीर में
जब उनकी यादें आती हैं
तब
उनकी तस्वीरों से बातें बना लेता हूं
हां कुछ खामियां है मुझमें
इसलिए खुद को अकेला बहला लेता हूं
सोच के की
किसी को रुलाने से अच्छा , उसकी हंसी का खजाना ठीक मैं
किसी झूठे वादे से अच्छा , 2 गज दूरी का बहाना ठीक मैं
किसी को चिढ़ाने से अच्छा , भोला होने का तराना ठीक मैं
किसी की आंखों में आंसू से अच्छा , लबों का फसाना ठीक मैं
किसी की मासूमियत को भिगाने से अच्छा, कोरे कागज का लतीफ़ा ठीक मैं
हा शायद कुछ खामियां है मुझ मैं : - ) #It'sJust_A_Poetry_Not_Me.