शब्दों में उजाला, पर कर्मों में धुंध,
चेहरे पर सच, पर अंदर है जुगत।
आईने में देखे जो सोने का रंग,
छूते ही झड़ता है माटी का ढंग।
सादगी की कसमें, मगर शौक नवाबी,
हकीकत से भागें, पर बातें किताबी।
सच्चाई का चोला, मगर भीतर धुआँ,
ऊपर से निर्मल, पर अंदर है कुआँ।
ईमान की मूरत, मगर जेबें भरी,
न्याय की बातें, पर नीयत ग़री।
प्रेम की कसमें, पर स्वार्थ का जाल,
शब्दों में अमृत, पर मन में हलाल।
प्रकृति की पूजा, मगर रसायन से स्नान,
शुद्धता का दावा, पर दिखावे की शान।
महानता का लबादा, पर लोभ की आग,
हर कदम छल, हर मोड़ पर दाग।
खटखट का शोर, ये तमाशा निराला,
सच पड़ा नीचे, झूठ ने संभाला।
शब्दों पर मत जा, कर्मों को देख,
वरना ये दुनिया तुझे ही बेच देगी!
चेहरे पर सच, पर अंदर है जुगत।
आईने में देखे जो सोने का रंग,
छूते ही झड़ता है माटी का ढंग।
सादगी की कसमें, मगर शौक नवाबी,
हकीकत से भागें, पर बातें किताबी।
सच्चाई का चोला, मगर भीतर धुआँ,
ऊपर से निर्मल, पर अंदर है कुआँ।
ईमान की मूरत, मगर जेबें भरी,
न्याय की बातें, पर नीयत ग़री।
प्रेम की कसमें, पर स्वार्थ का जाल,
शब्दों में अमृत, पर मन में हलाल।
प्रकृति की पूजा, मगर रसायन से स्नान,
शुद्धता का दावा, पर दिखावे की शान।
महानता का लबादा, पर लोभ की आग,
हर कदम छल, हर मोड़ पर दाग।
खटखट का शोर, ये तमाशा निराला,
सच पड़ा नीचे, झूठ ने संभाला।
शब्दों पर मत जा, कर्मों को देख,
वरना ये दुनिया तुझे ही बेच देगी!