हमारी आंखों ने हजारों रंग के मंजर देखे हैं
होठों पर हंसी आस्तीनों में खंजर देखे हैं
सारी दुनिया को जीतने का दम भरने वाले
दरियाओं में डूबकर मरने वाले सिकन्दर देखे हैं
जो न जाने कितने शाहों को तख्त नशीन कर गए
मगर खुद मुफलिसी में मर गए वो कलन्दर देखे हैं
'नामचीन'जिन आंखों में कभी एक आंसू तक नहीं आया
उन आंखों में भी हमने आंसुओं के समन्दर देखे हैं।।
होठों पर हंसी आस्तीनों में खंजर देखे हैं
सारी दुनिया को जीतने का दम भरने वाले
दरियाओं में डूबकर मरने वाले सिकन्दर देखे हैं
जो न जाने कितने शाहों को तख्त नशीन कर गए
मगर खुद मुफलिसी में मर गए वो कलन्दर देखे हैं
'नामचीन'जिन आंखों में कभी एक आंसू तक नहीं आया
उन आंखों में भी हमने आंसुओं के समन्दर देखे हैं।।