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क्या सब कुछ अधूरा रह जाएगा ?

Rockzz ✨श्वेतराग✨

खराब किस्मत का बादशाह (King of bad luck)
Senior's
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क्या सब कुछ अधूरा रह जाएगा ?

कितना होना
पूरा होना होता है
ये कौन बताएगा ?

कितनी हंसी पूरी हंसी होती है
और कितने आंसू बह जाने पर
पूरा हो जाता है रोना ?

कितना मिले किसी से
कि मुलाकात अब पूरी हुई
कितना सांस ली
कि जी गए पूरा ?

या जो मिला
जितना मिला
क्या पूरा मिला ?

तो फिर कितना होना
अधूरा होना
कितना ना होना
अधूरा होना
कितना होना

कि अधूरा अब पूरा हो गया ....?

क्या सब कुछ अधूरा रह जाएगा ?
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क्या सब कुछ अधूरा रह जाएगा ?

कितना होना
पूरा होना होता है
ये कौन बताएगा ?

कितनी हंसी पूरी हंसी होती है
और कितने आंसू बह जाने पर
पूरा हो जाता है रोना ?

कितना मिले किसी से
कि मुलाकात अब पूरी हुई
कितना सांस ली
कि जी गए पूरा ?

या जो मिला
जितना मिला
क्या पूरा मिला ?

तो फिर कितना होना
अधूरा होना
कितना ना होना
अधूरा होना
कितना होना

कि अधूरा अब पूरा हो गया ....?

क्या सब कुछ अधूरा रह जाएगा ?
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कि उनका मिलना नसीब में नही था,
पर उनके लिए बिल्कुल अनजान हो जाऊँ,
ऐसा भी नसीब नही था ।
कि वो एक सख्स जो मेरे करीब तो था,
पर ना जाने क्यों मैं उसके करीब नही था ।।
 
कि उनका मिलना नसीब में नही था,
पर उनके लिए बिल्कुल अनजान हो जाऊँ,
ऐसा भी नसीब नही था ।
कि वो एक सख्स जो मेरे करीब तो था,
पर ना जाने क्यों मैं उसके करीब नही था ।।
उनसे मिलना ही तो नसीब में था
वरना मैं तो यहां छुपने आया था
अपने दर्द को लिखने आया था
सोचा था प्यार जैसी चीज से दूर रहेंगे
पर उसका यूं इस तरह करीब आना
मुझे लिखने को अपने शब्दों से उकसाना
और फिर प्यार का भी एहसास दिलाना

सब हम दोनों का ही तो नसीब था।
 
उसका साथ पाने की खातिर,
हर मंदिर में सिर्फ यही माँगा ।
छुपाए कहाँ छुपती है बातें, নি
कि मैंने उसके लिए मन्नत का धागा भी बाँधा ।।
 
बातें कुछ अनकही रह गई,
कहनी थी उनसे, पर किसी कोने में दबी रह गई ।
मुलाक़ातें कुछ अधूरी रह गयी,
मिलना था उनसे, पर किसी बात की कमी रह गयी ।।
 
ना जाने क्यूँ इस बार भी,
उन्हें जाने से रोकना चाहता था ।
जानता था उन्हें नहीं है पसन्द मुझसे बातें करना,
पर फिर भी जबरदस्ती,

मैं ये रिश्ता उन पर थो
 
उसका साथ पाने की खातिर,
हर मंदिर में सिर्फ यही माँगा ।
छुपाए कहाँ छुपती है बातें, নি
कि मैंने उसके लिए मन्नत का धागा भी बाँधा ।।
उसे पाना ही नहीं था कभी
बस उसका ही हो जाना है आज भी
वो बस आए एक बार कह दे

मन्नत का धागा भी उसे ही बांधेंगे।
 
बातें कुछ अनकही रह गई,
कहनी थी उनसे, पर किसी कोने में दबी रह गई ।
मुलाक़ातें कुछ अधूरी रह गयी,
मिलना था उनसे, पर किसी बात की कमी रह गयी ।।
कुछ तो कमी रह ही गई
वरना यूं छोड़ के ना जाती
बातें तो बहुत करनी थी उससे

जो फिर से मुलाकात हो जाती।
 
ना जाने क्यूँ इस बार भी,
उन्हें जाने से रोकना चाहता था ।
जानता था उन्हें नहीं है पसन्द मुझसे बातें करना,
पर फिर भी जबरदस्ती,

मैं ये रिश्ता उन पर थो
रिश्ता दिलों का तो अब बन चुका
तोड़े ना तोड़ा जायेगा,
चाहे इस बार जबरदस्ती भी करनी पड़े

रोका तो जरूर जायेगा।
 
रिश्ता दिलों का तो अब बन चुका
तोड़े ना तोड़ा जायेगा,
चाहे इस बार जबरदस्ती भी करनी पड़े

रोका तो जरूर जायेगा।
ये जानते हुए भी कि
अब उनकी तरफ से कोई पहल नहीं होगी,
रुक जाता हूँ, उन्हें ऑनलाइन देखकर,
एक झूठी उम्मीद लिए
कि ऑनलािन से टाइपिंग

फिर बातें शुरू होकर कभी ना खत्म होंगी..!!!
 
क्या सब कुछ अधूरा रह जाएगा ?

कितना होना
पूरा होना होता है
ये कौन बताएगा ?

कितनी हंसी पूरी हंसी होती है
और कितने आंसू बह जाने पर
पूरा हो जाता है रोना ?

कितना मिले किसी से
कि मुलाकात अब पूरी हुई
कितना सांस ली
कि जी गए पूरा ?

या जो मिला
जितना मिला
क्या पूरा मिला ?

तो फिर कितना होना
अधूरा होना
कितना ना होना
अधूरा होना
कितना होना

कि अधूरा अब पूरा हो गया ....?

क्या सब कुछ अधूरा रह जाएगा ?
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सारी जिंदगी रखा है रिश्तों का भरम मैंने,
लेकिन सच तो यह है कि खुद के सिवा कोई अपना नहीं होता!
 
सारी जिंदगी रखा है रिश्तों का भरम मैंने,
लेकिन सच तो यह है कि खुद के सिवा कोई अपना नहीं होता!
किसी को गले लगा के तो देखो
किसी दिलवाले से दिल लगा के तो देखो
खुद को ही भूल ना गए तो कहना

एक बार उसे आजमा के तो देखो।
 
मंज़िल पास है इसलिए अकेला हूँ.
अगर दूर जाना होता तो किसी को आवाज़ लगा लिया होता!
मंजिल उन्हे मुबारक
जिन्हें ठहरना है,
हमें तो रास्तों का शौक है

बस चलते ही जाना है।
 
उस मुकाम पे आ गई है ज़िन्दगी जंहा,
मुझे कुछ चीज़े पसंद तो है पर चाहिए कुछ नहीं!
जो हमें पसंद है वही चाहिए
बस पसंद है तो है....।
 
किसी को गले लगा के तो देखो
किसी दिलवाले से दिल लगा के तो देखो
खुद को ही भूल ना गए तो कहना

एक बार उसे आजमा के तो देखो।

मंजिल उन्हे मुबारक
जिन्हें ठहरना है,
हमें तो रास्तों का शौक है

बस चलते ही जाना है।

जो हमें पसंद है वही चाहिए
बस पसंद है तो है....।
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