This post has deep meaningसंवार के मुझे,
फिर से.,
बिगाड़ देता है...!!
~★~
मैं एक.,
दस्त-ए-हुनरमंद के...
अज़ाब में हूँ..!!
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गुम अगर सुई भी हो जाए तो दुःख होता है,
और हमने तो मोहब्बत में तुम्हें खोया है।
पत्थर ना बनाओ मुझे फिर से.....
संवार के मुझे,
फिर से.,
बिगाड़ देता है...!!
~★~
मैं एक.,
दस्त-ए-हुनरमंद के...
अज़ाब में हूँ..!!
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गुम अगर सुई भी हो जाए तो दुःख होता है,
और हमने तो मोहब्बत में तुम्हें खोया है।
पत्थर ना बनाओ मुझे फिर से.....
बहुत खूबसूरत और दर्द से लिपटी हुई पंक्तियाँ हैंसंवार के मुझे,
फिर से.,
बिगाड़ देता है...!!
~★~
मैं एक.,
दस्त-ए-हुनरमंद के...
अज़ाब में हूँ..!!
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गुम अगर सुई भी हो जाए तो दुःख होता है,
और हमने तो मोहब्बत में तुम्हें खोया है।
पत्थर ना बनाओ मुझे फिर से.....
Kya kahu...Behtreen![]()
आखिरी बार बन गए तो....बहुत खूबसूरत और दर्द से लिपटी हुई पंक्तियाँ हैं
कुछ जख्म सजा बन जाते हैं, पर हर बार पत्थर बनना मुमकिन नहीं होता...
दिल छू गया!
आख़िरी बार बने तो ऐसे कि फिर कोई कमी ना रह जाए।आखिरी बार बन गए तो....
कमीआख़िरी बार बने तो ऐसे कि फिर कोई कमी ना रह जाए।
Sahi bat haiकमी
किसमें नहीं है दोस्त...
हम परिपूर्ण हुए तो समझो हम नहीं होंगे...
तो चाहो तो पूर्ण हो जाएं हम ना तो अधूरे रहें...
अधूरापन ही तो वो रंग है, जो हमें खास बनाता है…कमी
किसमें नहीं है दोस्त...
हम परिपूर्ण हुए तो समझो हम नहीं होंगे...
तो चाहो तो पूर्ण हो जाएं हम ना तो अधूरे रहें...
Awesome.संवार के मुझे,
फिर से.,
बिगाड़ देता है...!!
~★~
मैं एक.,
दस्त-ए-हुनरमंद के...
अज़ाब में हूँ..!!
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गुम अगर सुई भी हो जाए तो दुःख होता है,
और हमने तो मोहब्बत में तुम्हें खोया है।
पत्थर ना बनाओ मुझे फिर से.....
Waaah__संवार के मुझे,
फिर से.,
बिगाड़ देता है...!!
~★~
मैं एक.,
दस्त-ए-हुनरमंद के...
अज़ाब में हूँ..!!
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गुम अगर सुई भी हो जाए तो दुःख होता है,
और हमने तो मोहब्बत में तुम्हें खोया है।
पत्थर ना बनाओ मुझे फिर से.....