किसी ने क्या खूब बोला है...
मुझ बस तेरा वो साथ चाहिए....
माना मेरे जिंदगी की शुरुआत तुझसे नहीं हुई. पर उसके आखरी पल तक मुझे तुम्हारा साथ चाहिए.
तेरे कंधे पर सर रख कर जो मेरे चेहरे पे मुस्कान आती हैं, मुझे हीरे मोती नहीं, बस मेरी वो मुस्कान चाहिए.
साज शिनगर क्या सजाएंगे मुझे तेरे साथ सज जाती है मेरी रूह भी मुझे बस तेरा वो साथ चाहिए.
यूँ जब एक लम्हो, मुस्कुरा कर देखते हो तुम मुझे मिल जाता है मुझे जहां, मुझे बस हमारा वो जहां चाहिए.
दिन महीने सालों के हिसाब नहीं आता मुझे, मुझे तो बस हर पल में तेरा साथ चाहिए.
मुझ बस तेरा वो साथ चाहिए....
माना मेरे जिंदगी की शुरुआत तुझसे नहीं हुई. पर उसके आखरी पल तक मुझे तुम्हारा साथ चाहिए.
तेरे कंधे पर सर रख कर जो मेरे चेहरे पे मुस्कान आती हैं, मुझे हीरे मोती नहीं, बस मेरी वो मुस्कान चाहिए.
साज शिनगर क्या सजाएंगे मुझे तेरे साथ सज जाती है मेरी रूह भी मुझे बस तेरा वो साथ चाहिए.
यूँ जब एक लम्हो, मुस्कुरा कर देखते हो तुम मुझे मिल जाता है मुझे जहां, मुझे बस हमारा वो जहां चाहिए.
दिन महीने सालों के हिसाब नहीं आता मुझे, मुझे तो बस हर पल में तेरा साथ चाहिए.