किसी के जज्बात से खेलना
तुम्हारी आदत का हिस्सा है
तुम्हारी शब्दावली मे केवल
मेरे जीवन का ही किस्सा है
तुमने पकड़ ली है मेरी कमियां
जिन्हें सुनाना तुम्हें बहुत पसंद है
अब तो मेरी भी आदत में आ गया
तुम्हारे शब्दों का भरपूर आनंद है
मेरी खुदगर्जी समझो या मजबूरी
मै कमियां दूर नही कर पा रहा
इसलिए तुम्हारी बिना मतलब
की बातों को रोज सुने जा रहा
हां जिस दिन मैं चाय छोड़ दूंगा
मैं आफिस में चाय नही मंगाउंगा
तुम कुछ नही कह पाओगे मेरे बारे में
मैं तुम्हें उल्टे तुम्हारे किस्से सुनाउंगा
तुम्हारी आदत का हिस्सा है
तुम्हारी शब्दावली मे केवल
मेरे जीवन का ही किस्सा है
तुमने पकड़ ली है मेरी कमियां
जिन्हें सुनाना तुम्हें बहुत पसंद है
अब तो मेरी भी आदत में आ गया
तुम्हारे शब्दों का भरपूर आनंद है
मेरी खुदगर्जी समझो या मजबूरी
मै कमियां दूर नही कर पा रहा
इसलिए तुम्हारी बिना मतलब
की बातों को रोज सुने जा रहा
हां जिस दिन मैं चाय छोड़ दूंगा
मैं आफिस में चाय नही मंगाउंगा
तुम कुछ नही कह पाओगे मेरे बारे में
मैं तुम्हें उल्टे तुम्हारे किस्से सुनाउंगा