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कविता): ✨ 3

RAMBO

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बेटी ✨
बेटा है कुल दीपक,
जिससे होता एक घर रौशन ।

दो कुल की रोशनी जिससे,
बेटी है घर की रौनक।

सुन लो ऐ दुनिया वालो,
बेटी बोझ नहीं होती,
समझे जो लोग बेटा-बेटी को सामान ,
उनकी निम्न सोच नहीं होती।

बेटा है लाठी बुढ़ापे की,
बस कहने को,
बेटी है वास्तव में
सहारा माता-पिता का।

बेटा अगर है अभिमान,
बेटी गुरुर है माता-पिता का।
बेटे अगर हैं माता-पिता की आँखें ,
तो बेटी उनकी नाक(प्रतिष्ठा) है।

बेटे तो मात्र एक घर /कूल की शान है ।
मगर बेटी दोनों कूलों (ससुराल-पक्ष व् मायका पक्ष ) दोनों की शान हैं।

बेटी होती है पराया धन,
मगर “अपने” बेटे से कहीं अधिक,
अपना होता है वोह पराया धन।

पास रहकर भी जो बेटा,
माता-पिता के कष्टों से रहे अनजान।
मगर सौ कौस की दूरी से भी माता-पिता ,
में जिसके बसते हैं प्राण।

माता-पिता व् बेटी के जुड़े रहे एक तार से मन ,
ऐसी आत्मीयता ,

ऐसी घनिष्ठता सिर्फ एक बेटी ही दे सकती है।
✨✨
 
बेटी ✨
बेटा है कुल दीपक,
जिससे होता एक घर रौशन ।

दो कुल की रोशनी जिससे,
बेटी है घर की रौनक।

सुन लो ऐ दुनिया वालो,
बेटी बोझ नहीं होती,
समझे जो लोग बेटा-बेटी को सामान ,
उनकी निम्न सोच नहीं होती।

बेटा है लाठी बुढ़ापे की,
बस कहने को,
बेटी है वास्तव में
सहारा माता-पिता का।

बेटा अगर है अभिमान,
बेटी गुरुर है माता-पिता का।
बेटे अगर हैं माता-पिता की आँखें ,
तो बेटी उनकी नाक(प्रतिष्ठा) है।

बेटे तो मात्र एक घर /कूल की शान है ।
मगर बेटी दोनों कूलों (ससुराल-पक्ष व् मायका पक्ष ) दोनों की शान हैं।

बेटी होती है पराया धन,
मगर “अपने” बेटे से कहीं अधिक,
अपना होता है वोह पराया धन।

पास रहकर भी जो बेटा,
माता-पिता के कष्टों से रहे अनजान।
मगर सौ कौस की दूरी से भी माता-पिता ,
में जिसके बसते हैं प्राण।

माता-पिता व् बेटी के जुड़े रहे एक तार से मन ,
ऐसी आत्मीयता ,

ऐसी घनिष्ठता सिर्फ एक बेटी ही दे सकती है।
✨✨
True:cool:
 
बेटी ✨
बेटा है कुल दीपक,
जिससे होता एक घर रौशन ।

दो कुल की रोशनी जिससे,
बेटी है घर की रौनक।

सुन लो ऐ दुनिया वालो,
बेटी बोझ नहीं होती,
समझे जो लोग बेटा-बेटी को सामान ,
उनकी निम्न सोच नहीं होती।

बेटा है लाठी बुढ़ापे की,
बस कहने को,
बेटी है वास्तव में
सहारा माता-पिता का।

बेटा अगर है अभिमान,
बेटी गुरुर है माता-पिता का।
बेटे अगर हैं माता-पिता की आँखें ,
तो बेटी उनकी नाक(प्रतिष्ठा) है।

बेटे तो मात्र एक घर /कूल की शान है ।
मगर बेटी दोनों कूलों (ससुराल-पक्ष व् मायका पक्ष ) दोनों की शान हैं।

बेटी होती है पराया धन,
मगर “अपने” बेटे से कहीं अधिक,
अपना होता है वोह पराया धन।

पास रहकर भी जो बेटा,
माता-पिता के कष्टों से रहे अनजान।
मगर सौ कौस की दूरी से भी माता-पिता ,
में जिसके बसते हैं प्राण।

माता-पिता व् बेटी के जुड़े रहे एक तार से मन ,
ऐसी आत्मीयता ,

ऐसी घनिष्ठता सिर्फ एक बेटी ही दे सकती है।
✨✨
kya-baat-hai-raja-indravarma.gif
 
बेटी ✨
बेटा है कुल दीपक,
जिससे होता एक घर रौशन ।

दो कुल की रोशनी जिससे,
बेटी है घर की रौनक।

सुन लो ऐ दुनिया वालो,
बेटी बोझ नहीं होती,
समझे जो लोग बेटा-बेटी को सामान ,
उनकी निम्न सोच नहीं होती।

बेटा है लाठी बुढ़ापे की,
बस कहने को,
बेटी है वास्तव में
सहारा माता-पिता का।

बेटा अगर है अभिमान,
बेटी गुरुर है माता-पिता का।
बेटे अगर हैं माता-पिता की आँखें ,
तो बेटी उनकी नाक(प्रतिष्ठा) है।

बेटे तो मात्र एक घर /कूल की शान है ।
मगर बेटी दोनों कूलों (ससुराल-पक्ष व् मायका पक्ष ) दोनों की शान हैं।

बेटी होती है पराया धन,
मगर “अपने” बेटे से कहीं अधिक,
अपना होता है वोह पराया धन।

पास रहकर भी जो बेटा,
माता-पिता के कष्टों से रहे अनजान।
मगर सौ कौस की दूरी से भी माता-पिता ,
में जिसके बसते हैं प्राण।

माता-पिता व् बेटी के जुड़े रहे एक तार से मन ,
ऐसी आत्मीयता ,

ऐसी घनिष्ठता सिर्फ एक बेटी ही दे सकती है।
✨✨
बहुत खूब

ना करें कोई भेदभाव
बेटा हो या बेटी
रखे अपनी मन साफ

कभी दिन तो कभी
कोभी होती है रात
बेटा हो या बेटी
ना करें कोई
पक्षपात
 
Last edited:
बहुत खूब

ना करें कोई भेदभाव
बेटा हो या बेटी
रखे अपनी मन साफ

कभी दिन तो कभी
कोटि है रात
बेटा हो या बेटी
ना करें कोई
पक्षपात
1000002870.gif Nice lines...
 
बेटी ✨
बेटा है कुल दीपक,
जिससे होता एक घर रौशन ।

दो कुल की रोशनी जिससे,
बेटी है घर की रौनक।

सुन लो ऐ दुनिया वालो,
बेटी बोझ नहीं होती,
समझे जो लोग बेटा-बेटी को सामान ,
उनकी निम्न सोच नहीं होती।

बेटा है लाठी बुढ़ापे की,
बस कहने को,
बेटी है वास्तव में
सहारा माता-पिता का।

बेटा अगर है अभिमान,
बेटी गुरुर है माता-पिता का।
बेटे अगर हैं माता-पिता की आँखें ,
तो बेटी उनकी नाक(प्रतिष्ठा) है।

बेटे तो मात्र एक घर /कूल की शान है ।
मगर बेटी दोनों कूलों (ससुराल-पक्ष व् मायका पक्ष ) दोनों की शान हैं।

बेटी होती है पराया धन,
मगर “अपने” बेटे से कहीं अधिक,
अपना होता है वोह पराया धन।

पास रहकर भी जो बेटा,
माता-पिता के कष्टों से रहे अनजान।
मगर सौ कौस की दूरी से भी माता-पिता ,
में जिसके बसते हैं प्राण।

माता-पिता व् बेटी के जुड़े रहे एक तार से मन ,
ऐसी आत्मीयता ,

ऐसी घनिष्ठता सिर्फ एक बेटी ही दे सकती है।
✨✨
बेटी हुई है घर में जिसके,
भाग्य हो उसका निराला,
हर क्षेत्र में बढ़ती आगे,
करती हर घर में उजाला !!
 
बेटी होने का कर्ज चुकाया,
अब बहू होने का फर्ज निभा रही है,
आज भी कहीं किसी कोने में वो,
छुपकर अपने सारे ख़्वाब छुपा रही है !
 
बेटी नहीं है बोझ किसी पर,
होती है सबका आधार,
पढ़ लिख कर जब हो शिक्षित,
देती जीवन को आकार !!
 
बेटी ✨
बेटा है कुल दीपक,
जिससे होता एक घर रौशन ।

दो कुल की रोशनी जिससे,
बेटी है घर की रौनक।

सुन लो ऐ दुनिया वालो,
बेटी बोझ नहीं होती,
समझे जो लोग बेटा-बेटी को सामान ,
उनकी निम्न सोच नहीं होती।

बेटा है लाठी बुढ़ापे की,
बस कहने को,
बेटी है वास्तव में
सहारा माता-पिता का।

बेटा अगर है अभिमान,
बेटी गुरुर है माता-पिता का।
बेटे अगर हैं माता-पिता की आँखें ,
तो बेटी उनकी नाक(प्रतिष्ठा) है।

बेटे तो मात्र एक घर /कूल की शान है ।
मगर बेटी दोनों कूलों (ससुराल-पक्ष व् मायका पक्ष ) दोनों की शान हैं।

बेटी होती है पराया धन,
मगर “अपने” बेटे से कहीं अधिक,
अपना होता है वोह पराया धन।

पास रहकर भी जो बेटा,
माता-पिता के कष्टों से रहे अनजान।
मगर सौ कौस की दूरी से भी माता-पिता ,
में जिसके बसते हैं प्राण।

माता-पिता व् बेटी के जुड़े रहे एक तार से मन ,
ऐसी आत्मीयता ,

ऐसी घनिष्ठता सिर्फ एक बेटी ही दे सकती है।
✨✨
बहुत खूबसूरत...
 
बेटी ✨
बेटा है कुल दीपक,
जिससे होता एक घर रौशन ।

दो कुल की रोशनी जिससे,
बेटी है घर की रौनक।

सुन लो ऐ दुनिया वालो,
बेटी बोझ नहीं होती,
समझे जो लोग बेटा-बेटी को सामान ,
उनकी निम्न सोच नहीं होती।

बेटा है लाठी बुढ़ापे की,
बस कहने को,
बेटी है वास्तव में
सहारा माता-पिता का।

बेटा अगर है अभिमान,
बेटी गुरुर है माता-पिता का।
बेटे अगर हैं माता-पिता की आँखें ,
तो बेटी उनकी नाक(प्रतिष्ठा) है।

बेटे तो मात्र एक घर /कूल की शान है ।
मगर बेटी दोनों कूलों (ससुराल-पक्ष व् मायका पक्ष ) दोनों की शान हैं।

बेटी होती है पराया धन,
मगर “अपने” बेटे से कहीं अधिक,
अपना होता है वोह पराया धन।

पास रहकर भी जो बेटा,
माता-पिता के कष्टों से रहे अनजान।
मगर सौ कौस की दूरी से भी माता-पिता ,
में जिसके बसते हैं प्राण।

माता-पिता व् बेटी के जुड़े रहे एक तार से मन ,
ऐसी आत्मीयता ,

ऐसी घनिष्ठता सिर्फ एक बेटी ही दे सकती है।
✨✨
Betiyan ghar ka noor hai
Betiyan ghar ko mehkati hai
Betiyan naseeb waloon ke ghar hoti hai ,,
Betiyan jab rab razi hota uske ghar beti se Nawaz ta hai ,,
 
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