एक कली थी
नवाबों के बगीचे में खिली थी
उसको
अंदाजा भी नहीं था
उसकी
खुशबू कितनी मनचली थी
हवाएं भी गुजरती थी
रूवाब में उसके पास से होकर
मानों
वो रूवाबो की कोई गली थी
हां
एक कली थी
कुछ गुमसुम सा समा रहता उसके पास
मानों
वह गुमसुम करने वाली कोई छड़ी थी
हंसने हंसाने की बातें वह करती नहीं
दिल बहलाने की बातें वह करती नहीं
फिर भी वह हर समा नवाब को अपने पास लपेटी पड़ी थीं
(क्या ये यादें है )
दिल थाम लेता
जब भी सोचता उसके ख्याल नवाब
मानों
वो ख्यालों में भी ज़हरीन बड़ी थी
जिसकी खुशबू में खुशबू भी मुग्ध हो जाए
जिसकी रूमानी सीरत देख सीरत भी लुप्त हो जाए
ऐसी ऐसी
वो मृगतृष्णा (mirage) सी सुहानी बड़ी थी
की हां
एक कली थी
जो बस नवाब के बगीचे में मुस्कराते हुए खिली थी
एक दिन मौसम बिगड़ गया
बगीचे में मानों सन्नाटा पड़ गया
बगीचा तस्कामस रहा
और कली का साया बिखर गया
नवाब अब भी गुमसुम रहता है
बैठा रहता है
ख्वाबों में खुशबू पिरोयें न जाने क्या क्या कहता है
सोचता होगा शायद वह खुशबू भरे दिन और रांते
या वो बगीचे की शान में ही खोया पड़ा रहता है
की वह नवाब आज भी आंखों में कुछ डुबोए बैठा हैं
बस एक कली के वास्ते आज भी
उसका बगीचा
वैसे ही संजोए बैठा हैं
(हां एक कली थी जो किसी के दिल की कोने में एक उम्र बाद भी खुशबूदार खुशबू की तरह ही मुरझाई पड़ी थी ,
की ,
एक कली थी )
नवाबों के बगीचे में खिली थी
उसको
अंदाजा भी नहीं था
उसकी
खुशबू कितनी मनचली थी
हवाएं भी गुजरती थी
रूवाब में उसके पास से होकर
मानों
वो रूवाबो की कोई गली थी
हां
एक कली थी
कुछ गुमसुम सा समा रहता उसके पास
मानों
वह गुमसुम करने वाली कोई छड़ी थी
हंसने हंसाने की बातें वह करती नहीं
दिल बहलाने की बातें वह करती नहीं
फिर भी वह हर समा नवाब को अपने पास लपेटी पड़ी थीं
(क्या ये यादें है )
दिल थाम लेता
जब भी सोचता उसके ख्याल नवाब
मानों
वो ख्यालों में भी ज़हरीन बड़ी थी
जिसकी खुशबू में खुशबू भी मुग्ध हो जाए
जिसकी रूमानी सीरत देख सीरत भी लुप्त हो जाए
ऐसी ऐसी
वो मृगतृष्णा (mirage) सी सुहानी बड़ी थी
की हां
एक कली थी
जो बस नवाब के बगीचे में मुस्कराते हुए खिली थी
एक दिन मौसम बिगड़ गया
बगीचे में मानों सन्नाटा पड़ गया
बगीचा तस्कामस रहा
और कली का साया बिखर गया
नवाब अब भी गुमसुम रहता है
बैठा रहता है
ख्वाबों में खुशबू पिरोयें न जाने क्या क्या कहता है
सोचता होगा शायद वह खुशबू भरे दिन और रांते
या वो बगीचे की शान में ही खोया पड़ा रहता है
की वह नवाब आज भी आंखों में कुछ डुबोए बैठा हैं
बस एक कली के वास्ते आज भी
उसका बगीचा
वैसे ही संजोए बैठा हैं
(हां एक कली थी जो किसी के दिल की कोने में एक उम्र बाद भी खुशबूदार खुशबू की तरह ही मुरझाई पड़ी थी ,
की ,
एक कली थी )