किसी उदास दिन में...
हम चाहते हैं एक कंधा, जिस पर सिर टिका कर थोड़ी देर के लिए आँखें मूँद लें...
कोई ऐसा शख़्स जिसको कॉल करके ये बता सके कि आज मन नहीं लग रहा...
हम मिल सकते हैं क्या?
एक छाती, जिससे लग कर बस उसकी धड़कनों को बिना कुछ बोले सुनते रहें...
उस किसी के होने को महसूस करते रहें...
कोई हो कि जिसके गले से लग कर सब भुल जायें...
ख़्वाहिशें, जो छोटी ही होती हैं पर कभी पूरी नहीं हो पाती...
बाक़ी तो सब मिल ही जाता है...
खैर....
हम चाहते हैं एक कंधा, जिस पर सिर टिका कर थोड़ी देर के लिए आँखें मूँद लें...
कोई ऐसा शख़्स जिसको कॉल करके ये बता सके कि आज मन नहीं लग रहा...
हम मिल सकते हैं क्या?
एक छाती, जिससे लग कर बस उसकी धड़कनों को बिना कुछ बोले सुनते रहें...
उस किसी के होने को महसूस करते रहें...
कोई हो कि जिसके गले से लग कर सब भुल जायें...
ख़्वाहिशें, जो छोटी ही होती हैं पर कभी पूरी नहीं हो पाती...
बाक़ी तो सब मिल ही जाता है...
खैर....
