Siddhantrt
Epic Legend
टूटे फूटे ख्व़ाबों के टुकड़े,
कुछ बासी किस्से,
हसरतों की रद्दी,
ख़त्म हिम्मतों की खाली शीशियाँ,
जज्बातों की धूल जमी यादें,
फ़िज़ूल पौलीबैग्स सी तरकीबें,
उम्मीद के पटाखों के चीथड़े,
किसी ज़ख्म को चूम लावारिस हुई रूई सी आदतें,
सुकूँ जैसे कि फटे कपड़ों की कतरनें,
किसी खाली डब्बे सा ये दिल
जिसमें मायूसी की बारिशों का पानी भर गया है,
गुज़रे लम्हें भागते फिरते हैं इन सब के बीच
चूहों और छिपकलियों से,
कभी कभी रेंग जाती हैं कुछ शिकायतें कनखजूरे सी,
दर्द फ़ैला रहता है मकड़ी के जालों सा,
जब खंगालता हूँ ये सब तो
मिल जाता है कहीं
मरोड़े कागजों सा फेंका हुआ इश्क किसी का...
ये ज़हन मेरा
एक कबाड़खाना है...!!
कुछ बासी किस्से,
हसरतों की रद्दी,
ख़त्म हिम्मतों की खाली शीशियाँ,
जज्बातों की धूल जमी यादें,
फ़िज़ूल पौलीबैग्स सी तरकीबें,
उम्मीद के पटाखों के चीथड़े,
किसी ज़ख्म को चूम लावारिस हुई रूई सी आदतें,
सुकूँ जैसे कि फटे कपड़ों की कतरनें,
किसी खाली डब्बे सा ये दिल
जिसमें मायूसी की बारिशों का पानी भर गया है,
गुज़रे लम्हें भागते फिरते हैं इन सब के बीच
चूहों और छिपकलियों से,
कभी कभी रेंग जाती हैं कुछ शिकायतें कनखजूरे सी,
दर्द फ़ैला रहता है मकड़ी के जालों सा,
जब खंगालता हूँ ये सब तो
मिल जाता है कहीं
मरोड़े कागजों सा फेंका हुआ इश्क किसी का...
ये ज़हन मेरा
एक कबाड़खाना है...!!