एंजलप्रिया कहती, "मैं सबकी रानी,"
"पापा की परी," बस यही है कहानी,
चमकदार श्रृंगार, अदाएँ बड़ी शान से,
पर भीतर से खाली, बस मोह-पाश में फँसे।
दिखावा करती, चाँद से भी अधिक उजली,
पर असल में बस दुखी और अकेली,
हवा में उड़ती, अपनी दुनिया बनाई,
झूठ के महल में कब तक रहेगी, बताई?
न समझ पाई, असली खुशी क्या होती है,
बस दिखावे में खुश, दिल से तन्हा होती है,
सच्ची रानियाँ होती हैं शांत और गहरी,
यह नकली परी बस अभिनय में रहती।
परिश्रम और प्रेम की राह से दूर,
सिर्फ नज़रों की चाह, वाह-वाह का शोर,
जो वास्तव में है सुंदर, सब समझ पाते हैं,
पर एंजलप्रिया के नाटक बस धोखा फैलाते हैं।
थोड़ा समझ ले, ज़िन्दगी है प्यारी,
नखरे कम कर, धरती पर आ, प्यारी,
तेरा यह तमाशा एक दिन हो जाएगा खत्म,
तब सब देख लेंगे, क्या है तेरा असली दम।
"पापा की परी," बस यही है कहानी,
चमकदार श्रृंगार, अदाएँ बड़ी शान से,
पर भीतर से खाली, बस मोह-पाश में फँसे।
दिखावा करती, चाँद से भी अधिक उजली,
पर असल में बस दुखी और अकेली,
हवा में उड़ती, अपनी दुनिया बनाई,
झूठ के महल में कब तक रहेगी, बताई?
न समझ पाई, असली खुशी क्या होती है,
बस दिखावे में खुश, दिल से तन्हा होती है,
सच्ची रानियाँ होती हैं शांत और गहरी,
यह नकली परी बस अभिनय में रहती।
परिश्रम और प्रेम की राह से दूर,
सिर्फ नज़रों की चाह, वाह-वाह का शोर,
जो वास्तव में है सुंदर, सब समझ पाते हैं,
पर एंजलप्रिया के नाटक बस धोखा फैलाते हैं।
थोड़ा समझ ले, ज़िन्दगी है प्यारी,
नखरे कम कर, धरती पर आ, प्यारी,
तेरा यह तमाशा एक दिन हो जाएगा खत्म,
तब सब देख लेंगे, क्या है तेरा असली दम।