रंगना ऐसा था
रंगों की त्यौहार होगा
थोड़ा नटखट तो थोड़ा
छेड छाड़ होगा
प्रेम की ग़ुलाल होगा
नजर se नजर का war होगा
फिर नजरें दो से चार होंगे
शर्म से गाल लाल होंगे
लिपटके तेरे रंग में खुदको भिगोंगे
ऐसे रंगों से तन मन बेहाल होंगे

पर हुवा कुछ ऐसा
इंतजार सालो की थी
पहेलि होली त्यौहार की थी
उसकी रंग में रंग जाना था
रंगों से रंग में सामना था
एक दूजे में प्रेम रंग लगाना था
पर होने लगी प्रहार सवाल की ग़ुलाल से
न बचा सका खुदको उसकी प्रहार से
अब उभ गया मन अब ऐसे रंगबिहीन त्यौहार से

रंगों की त्यौहार होगा
थोड़ा नटखट तो थोड़ा
छेड छाड़ होगा
प्रेम की ग़ुलाल होगा
नजर se नजर का war होगा
फिर नजरें दो से चार होंगे
शर्म से गाल लाल होंगे
लिपटके तेरे रंग में खुदको भिगोंगे
ऐसे रंगों से तन मन बेहाल होंगे

पर हुवा कुछ ऐसा
इंतजार सालो की थी
पहेलि होली त्यौहार की थी
उसकी रंग में रंग जाना था
रंगों से रंग में सामना था
एक दूजे में प्रेम रंग लगाना था
पर होने लगी प्रहार सवाल की ग़ुलाल से
न बचा सका खुदको उसकी प्रहार से
अब उभ गया मन अब ऐसे रंगबिहीन त्यौहार से
