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आज फिर तेरी तलाश...❤️

Siddhantrt

Epic Legend
आज फिर तेरी तलाश में निकल पड़ा,
ढूंढता हर ओर वो मखमली रूप तेरा,
Block तो अच्छे से याद था,
पर भूल गया मैं Group तेरा,

कभी Metal मिले तो कभी Non-Metal,
सबके Characteristics अपने-अपने निजी थे,
कई सारी दुनिया से Inert हुए बैठे थे,
कई हर पल Reactions में busy थे,

Mendeleev के बनाए इस Facebook में,
भटक रहा हूँ हर Period, हर Group में,
कभी Rubidium का Structure देख सीटी बजा दी,
कभी Iron के Muscles देख हो गया चुप मैं,

फिर अचानक जब एक Period में मैं मुड़ा,
तो देखा Nitrogen के बगल में तू खड़ी थी,
तूने आँख के कोने से जो मेरी ओर देखा,
तो जैसे रुक गयी वहीँ पर घड़ी थी,

होश में जब वापस लौटा मैं,
और घड़ियाँ फिर से टिकटिकाने लगी,
तो देखा तू उठ कर अपनी जगह से,
है कहीं और ही जाने लगी,

तेरी तरफ दौड़ा तो Boron ने रोक लिया,
बोला आ तुझे Lotus Pond दिखाता हूँ,
मैंने कहा माफ़ करना मैं वो Covalent Types नहीं हूँ,
मैं सिर्फ और सिर्फ Ionic Bond बनाता हूँ,

जब अनुरोध,क्रोध सबके बाद भी वो अवरोध न हटा,
तो वहाँ से भाग कर उस से पीछा छुटाया,
तभी फ़ोन की घंटी जोरों से बज उठी,
माँ बोली क्यूँ तू अब तक घर ना आया,

आज फिर ये Magnesium हो उदास लौट आया,
दिल में रह गए कई अरमान दुबके से,
आज फिर Oxygen से मिलने का सपना,
सूरज के संग, डूब गया चुपके से....!
 
आज फिर तेरी तलाश में निकल पड़ा,
ढूंढता हर ओर वो मखमली रूप तेरा,
Block तो अच्छे से याद था,
पर भूल गया मैं Group तेरा,

कभी Metal मिले तो कभी Non-Metal,
सबके Characteristics अपने-अपने निजी थे,
कई सारी दुनिया से Inert हुए बैठे थे,
कई हर पल Reactions में busy थे,

Mendeleev के बनाए इस Facebook में,
भटक रहा हूँ हर Period, हर Group में,
कभी Rubidium का Structure देख सीटी बजा दी,
कभी Iron के Muscles देख हो गया चुप मैं,

फिर अचानक जब एक Period में मैं मुड़ा,
तो देखा Nitrogen के बगल में तू खड़ी थी,
तूने आँख के कोने से जो मेरी ओर देखा,
तो जैसे रुक गयी वहीँ पर घड़ी थी,

होश में जब वापस लौटा मैं,
और घड़ियाँ फिर से टिकटिकाने लगी,
तो देखा तू उठ कर अपनी जगह से,
है कहीं और ही जाने लगी,

तेरी तरफ दौड़ा तो Boron ने रोक लिया,
बोला आ तुझे Lotus Pond दिखाता हूँ,
मैंने कहा माफ़ करना मैं वो Covalent Types नहीं हूँ,
मैं सिर्फ और सिर्फ Ionic Bond बनाता हूँ,

जब अनुरोध,क्रोध सबके बाद भी वो अवरोध न हटा,
तो वहाँ से भाग कर उस से पीछा छुटाया,
तभी फ़ोन की घंटी जोरों से बज उठी,
माँ बोली क्यूँ तू अब तक घर ना आया,

आज फिर ये Magnesium हो उदास लौट आया,
दिल में रह गए कई अरमान दुबके से,
आज फिर Oxygen से मिलने का सपना,
सूरज के संग, डूब गया चुपके से....!
Bahut Bahut sundar talaash
 
आज फिर तेरी तलाश में निकल पड़ा,
ढूंढता हर ओर वो मखमली रूप तेरा,
Block तो अच्छे से याद था,
पर भूल गया मैं Group तेरा,

कभी Metal मिले तो कभी Non-Metal,
सबके Characteristics अपने-अपने निजी थे,
कई सारी दुनिया से Inert हुए बैठे थे,
कई हर पल Reactions में busy थे,

Mendeleev के बनाए इस Facebook में,
भटक रहा हूँ हर Period, हर Group में,
कभी Rubidium का Structure देख सीटी बजा दी,
कभी Iron के Muscles देख हो गया चुप मैं,

फिर अचानक जब एक Period में मैं मुड़ा,
तो देखा Nitrogen के बगल में तू खड़ी थी,
तूने आँख के कोने से जो मेरी ओर देखा,
तो जैसे रुक गयी वहीँ पर घड़ी थी,

होश में जब वापस लौटा मैं,
और घड़ियाँ फिर से टिकटिकाने लगी,
तो देखा तू उठ कर अपनी जगह से,
है कहीं और ही जाने लगी,

तेरी तरफ दौड़ा तो Boron ने रोक लिया,
बोला आ तुझे Lotus Pond दिखाता हूँ,
मैंने कहा माफ़ करना मैं वो Covalent Types नहीं हूँ,
मैं सिर्फ और सिर्फ Ionic Bond बनाता हूँ,

जब अनुरोध,क्रोध सबके बाद भी वो अवरोध न हटा,
तो वहाँ से भाग कर उस से पीछा छुटाया,
तभी फ़ोन की घंटी जोरों से बज उठी,
माँ बोली क्यूँ तू अब तक घर ना आया,

आज फिर ये Magnesium हो उदास लौट आया,
दिल में रह गए कई अरमान दुबके से,
आज फिर Oxygen से मिलने का सपना,
सूरज के संग, डूब गया चुपके से....!
Mast tha boss
 
आज फिर तेरी तलाश में निकल पड़ा,
ढूंढता हर ओर वो मखमली रूप तेरा,
Block तो अच्छे से याद था,
पर भूल गया मैं Group तेरा,

कभी Metal मिले तो कभी Non-Metal,
सबके Characteristics अपने-अपने निजी थे,
कई सारी दुनिया से Inert हुए बैठे थे,
कई हर पल Reactions में busy थे,

Mendeleev के बनाए इस Facebook में,
भटक रहा हूँ हर Period, हर Group में,
कभी Rubidium का Structure देख सीटी बजा दी,
कभी Iron के Muscles देख हो गया चुप मैं,

फिर अचानक जब एक Period में मैं मुड़ा,
तो देखा Nitrogen के बगल में तू खड़ी थी,
तूने आँख के कोने से जो मेरी ओर देखा,
तो जैसे रुक गयी वहीँ पर घड़ी थी,

होश में जब वापस लौटा मैं,
और घड़ियाँ फिर से टिकटिकाने लगी,
तो देखा तू उठ कर अपनी जगह से,
है कहीं और ही जाने लगी,

तेरी तरफ दौड़ा तो Boron ने रोक लिया,
बोला आ तुझे Lotus Pond दिखाता हूँ,
मैंने कहा माफ़ करना मैं वो Covalent Types नहीं हूँ,
मैं सिर्फ और सिर्फ Ionic Bond बनाता हूँ,

जब अनुरोध,क्रोध सबके बाद भी वो अवरोध न हटा,
तो वहाँ से भाग कर उस से पीछा छुटाया,
तभी फ़ोन की घंटी जोरों से बज उठी,
माँ बोली क्यूँ तू अब तक घर ना आया,

आज फिर ये Magnesium हो उदास लौट आया,
दिल में रह गए कई अरमान दुबके से,
आज फिर Oxygen से मिलने का सपना,
सूरज के संग, डूब गया चुपके से....!
Wow ..!!!!❤️❤️❤️
 
आज फिर तेरी तलाश में निकल पड़ा,
ढूंढता हर ओर वो मखमली रूप तेरा,
Block तो अच्छे से याद था,
पर भूल गया मैं Group तेरा,

कभी Metal मिले तो कभी Non-Metal,
सबके Characteristics अपने-अपने निजी थे,
कई सारी दुनिया से Inert हुए बैठे थे,
कई हर पल Reactions में busy थे,

Mendeleev के बनाए इस Facebook में,
भटक रहा हूँ हर Period, हर Group में,
कभी Rubidium का Structure देख सीटी बजा दी,
कभी Iron के Muscles देख हो गया चुप मैं,

फिर अचानक जब एक Period में मैं मुड़ा,
तो देखा Nitrogen के बगल में तू खड़ी थी,
तूने आँख के कोने से जो मेरी ओर देखा,
तो जैसे रुक गयी वहीँ पर घड़ी थी,

होश में जब वापस लौटा मैं,
और घड़ियाँ फिर से टिकटिकाने लगी,
तो देखा तू उठ कर अपनी जगह से,
है कहीं और ही जाने लगी,

तेरी तरफ दौड़ा तो Boron ने रोक लिया,
बोला आ तुझे Lotus Pond दिखाता हूँ,
मैंने कहा माफ़ करना मैं वो Covalent Types नहीं हूँ,
मैं सिर्फ और सिर्फ Ionic Bond बनाता हूँ,

जब अनुरोध,क्रोध सबके बाद भी वो अवरोध न हटा,
तो वहाँ से भाग कर उस से पीछा छुटाया,
तभी फ़ोन की घंटी जोरों से बज उठी,
माँ बोली क्यूँ तू अब तक घर ना आया,

आज फिर ये Magnesium हो उदास लौट आया,
दिल में रह गए कई अरमान दुबके से,
आज फिर Oxygen से मिलने का सपना,
सूरज के संग, डूब गया चुपके से....!
Great piece of art
 
Very well written buddy . Life is a journey about nuances of “ ionic bond “ to understanding “ Van Der Waals interactions “ . Keep your search mode on.
 
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