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आग और पानी—दोनों ज़िंदगी के दो अलग मगर गहरे रंग हैं।

Lion_Hearted

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आग, जो रौशनी भी देती है और राख भी कर देती है।
जो जुनून बन जाए तो रास्ते रौशन कर दे,
मगर ग़ुस्से में आ जाए तो सब कुछ फूंक कर रख दे।
इश्क़ में हो तो दीवाना बना दे,
और नफ़रत में हो तो तबाही ले आए।

पानी, जो सुकून भी है और बहाव भी।
जो प्यास बुझा सकता है,
मगर समुंदर की तरह उठे तो तबाही मचा सकता है।
जो आंसू बनकर दर्द बहा सकता है,
मगर बारिश बनकर सुकून भी दे सकता है।

आग और पानी एक-दूसरे के विपरीत हैं,
मगर दोनों के बिना ज़िंदगी अधूरी है।
आग के बिना गर्मी नहीं, पानी के बिना ठंडक नहीं।
आग सपनों में जलने का हौसला देती है,
पानी बहकर उन्हें नई मंज़िलों तक पहुँचाता है।

कभी सोचा है, अगर आग और पानी एक साथ हो जाएं?
शायद वो भाप बन जाए—जो ऊपर उठती है,
जिसमें ना जलने का डर होता है,
ना डूबने की फ़िक्र—बस हल्कापन और आज़ादी।
 
आग, जो रौशनी भी देती है और राख भी कर देती है।
जो जुनून बन जाए तो रास्ते रौशन कर दे,
मगर ग़ुस्से में आ जाए तो सब कुछ फूंक कर रख दे।
इश्क़ में हो तो दीवाना बना दे,
और नफ़रत में हो तो तबाही ले आए।

पानी, जो सुकून भी है और बहाव भी।
जो प्यास बुझा सकता है,
मगर समुंदर की तरह उठे तो तबाही मचा सकता है।
जो आंसू बनकर दर्द बहा सकता है,
मगर बारिश बनकर सुकून भी दे सकता है।

आग और पानी एक-दूसरे के विपरीत हैं,
मगर दोनों के बिना ज़िंदगी अधूरी है।
आग के बिना गर्मी नहीं, पानी के बिना ठंडक नहीं।
आग सपनों में जलने का हौसला देती है,
पानी बहकर उन्हें नई मंज़िलों तक पहुँचाता है।

कभी सोचा है, अगर आग और पानी एक साथ हो जाएं?
शायद वो भाप बन जाए—जो ऊपर उठती है,
जिसमें ना जलने का डर होता है,
ना डूबने की फ़िक्र—बस हल्कापन और आज़ादी।
Waaahh ❤️❤️❤️
 
आग, जो रौशनी भी देती है और राख भी कर देती है।
जो जुनून बन जाए तो रास्ते रौशन कर दे,
मगर ग़ुस्से में आ जाए तो सब कुछ फूंक कर रख दे।
इश्क़ में हो तो दीवाना बना दे,
और नफ़रत में हो तो तबाही ले आए।

पानी, जो सुकून भी है और बहाव भी।
जो प्यास बुझा सकता है,
मगर समुंदर की तरह उठे तो तबाही मचा सकता है।
जो आंसू बनकर दर्द बहा सकता है,
मगर बारिश बनकर सुकून भी दे सकता है।

आग और पानी एक-दूसरे के विपरीत हैं,
मगर दोनों के बिना ज़िंदगी अधूरी है।
आग के बिना गर्मी नहीं, पानी के बिना ठंडक नहीं।
आग सपनों में जलने का हौसला देती है,
पानी बहकर उन्हें नई मंज़िलों तक पहुँचाता है।

कभी सोचा है, अगर आग और पानी एक साथ हो जाएं?
शायद वो भाप बन जाए—जो ऊपर उठती है,
जिसमें ना जलने का डर होता है,
ना डूबने की फ़िक्र—बस हल्कापन और आज़ादी।
बहुत खूब:clapping:
 
आग, जो रौशनी भी देती है और राख भी कर देती है।
जो जुनून बन जाए तो रास्ते रौशन कर दे,
मगर ग़ुस्से में आ जाए तो सब कुछ फूंक कर रख दे।
इश्क़ में हो तो दीवाना बना दे,
और नफ़रत में हो तो तबाही ले आए।

पानी, जो सुकून भी है और बहाव भी।
जो प्यास बुझा सकता है,
मगर समुंदर की तरह उठे तो तबाही मचा सकता है।
जो आंसू बनकर दर्द बहा सकता है,
मगर बारिश बनकर सुकून भी दे सकता है।

आग और पानी एक-दूसरे के विपरीत हैं,
मगर दोनों के बिना ज़िंदगी अधूरी है।
आग के बिना गर्मी नहीं, पानी के बिना ठंडक नहीं।
आग सपनों में जलने का हौसला देती है,
पानी बहकर उन्हें नई मंज़िलों तक पहुँचाता है।

कभी सोचा है, अगर आग और पानी एक साथ हो जाएं?
शायद वो भाप बन जाए—जो ऊपर उठती है,
जिसमें ना जलने का डर होता है,
ना डूबने की फ़िक्र—बस हल्कापन और आज़ादी।

आग, जो रौशनी भी देती है और राख भी कर देती है।
जो जुनून बन जाए तो रास्ते रौशन कर दे,
मगर ग़ुस्से में आ जाए तो सब कुछ फूंक कर रख दे।
इश्क़ में हो तो दीवाना बना दे,
और नफ़रत में हो तो तबाही ले आए।

पानी, जो सुकून भी है और बहाव भी।
जो प्यास बुझा सकता है,
मगर समुंदर की तरह उठे तो तबाही मचा सकता है।
जो आंसू बनकर दर्द बहा सकता है,
मगर बारिश बनकर सुकून भी दे सकता है।

आग और पानी एक-दूसरे के विपरीत हैं,
मगर दोनों के बिना ज़िंदगी अधूरी है।
आग के बिना गर्मी नहीं, पानी के बिना ठंडक नहीं।
आग सपनों में जलने का हौसला देती है,
पानी बहकर उन्हें नई मंज़िलों तक पहुँचाता है।

कभी सोचा है, अगर आग और पानी एक साथ हो जाएं?
शायद वो भाप बन जाए—जो ऊपर उठती है,
जिसमें ना जलने का डर होता है,
ना डूबने की फ़िक्र—बस हल्कापन और आज़ादी।
बहुत-सुंदर.gif
 
आग, जो रौशनी भी देती है और राख भी कर देती है।
जो जुनून बन जाए तो रास्ते रौशन कर दे,
मगर ग़ुस्से में आ जाए तो सब कुछ फूंक कर रख दे।
इश्क़ में हो तो दीवाना बना दे,
और नफ़रत में हो तो तबाही ले आए।

पानी, जो सुकून भी है और बहाव भी।
जो प्यास बुझा सकता है,
मगर समुंदर की तरह उठे तो तबाही मचा सकता है।
जो आंसू बनकर दर्द बहा सकता है,
मगर बारिश बनकर सुकून भी दे सकता है।

आग और पानी एक-दूसरे के विपरीत हैं,
मगर दोनों के बिना ज़िंदगी अधूरी है।
आग के बिना गर्मी नहीं, पानी के बिना ठंडक नहीं।
आग सपनों में जलने का हौसला देती है,
पानी बहकर उन्हें नई मंज़िलों तक पहुँचाता है।

कभी सोचा है, अगर आग और पानी एक साथ हो जाएं?
शायद वो भाप बन जाए—जो ऊपर उठती है,
जिसमें ना जलने का डर होता है,
ना डूबने की फ़िक्र—बस हल्कापन और आज़ादी।
Bahut sundar
 
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