तेरे ख़्वाबों में मोहब्बत की दुहाई दूँगा
जब कोई और न होगा तो दिखाई दूँगा
मेरी दुनिया में बस एक तु काफ़ी है
कितनो की हसरतों को मैं नकार दूँगा
दिल को दर्दे इश्क से तो बचा लाया
जाने कब उसे यादों से रिहाई दूँगा
है कोई इंसान तो बुलाओ उसको
उसे इस दौर में जीने की बधाई दूँगा
पहले देख लूँ खुद के गिरेबां में झाक के
यूं अपने हालात पर किस को इल्ज़ाम दूँगा
तेरी ही रूह का हिस्सा है अनुराग
मिट भी गया तो शायरी मे सुनाई दूँगा
जब कोई और न होगा तो दिखाई दूँगा
मेरी दुनिया में बस एक तु काफ़ी है
कितनो की हसरतों को मैं नकार दूँगा
दिल को दर्दे इश्क से तो बचा लाया
जाने कब उसे यादों से रिहाई दूँगा
है कोई इंसान तो बुलाओ उसको
उसे इस दौर में जीने की बधाई दूँगा
पहले देख लूँ खुद के गिरेबां में झाक के
यूं अपने हालात पर किस को इल्ज़ाम दूँगा
तेरी ही रूह का हिस्सा है अनुराग
मिट भी गया तो शायरी मे सुनाई दूँगा