Kuch soch rha tha aisa likhneBahut khub
अभी ना उठा नींद से मुझे
जितना गम देना है दे दे जिंदगीअभी ना उठा नींद से मुझे
तेरे ख्वाब आने बाकी है
अभी तो सवालो का सिलसिला चला है
उनके जवाब आने बाकी है
अभी तो शुरूआत है एक शायर कीजितना गम देना है दे दे जिंदगी
खुशियों एक चाय उसके साथ बाकी है।
Wah wah bohot khub