राहे देखती है आँखे पलके झुकती नहीं,
रो लेती है आँखे लेकिन थकती नहीं…...,
वजह कुछ नहीं, कुछ उम्मीद ज्यादा नहीं,
दो पल सुकून से बात हो ज्यादा कुछ उम्मीद नहीं….
ऐसा नहीं उन्हें हमारे एहसास का एहसास नहीं,
मसला ये है उनको समझने का ख्याल नहीं……
ऐसा नहीं वो बेरुखे है,
हकीकत ये है उनको हमारे जितना इश्क नहीं…,
कविता लिखे हुए वक़्त हो गया, नाराज़ हो जायेंगे,
इस डर से कविता सुनाने का दम नहीं….,
जिस दिन सुना दू ये कविता, तुम नाराज़ ना होना
हकीकत समझना मेरे दुख की सीमा नहीं…
जिस दिन तुम नहीं उस दिन मैं नहीं,
छोड़ने का ख्याल ना लाना तेरे बिना मैं नहीं….
जिस दिन फुर्सत मिले उस दिन डगर पर ज़रूर आना,
आँखे थकती नहीं… लेकिन सांसो का भी तो पता नहीं…
मेरा तड़पना लाज़मी है, इस जहाँ में खुदा का मिलना आसान नहीं,
एहसास काफी है, इन छोटे मोटे दर्द को झेलना कोई बड़ी बात नहीं…
अब कविता को यहीं रोकता हूँ आँखे भर आई,
अब कविता को आगे लिखने का वक़्त नहीं.....,
Written by - Ankahi_Bate
रो लेती है आँखे लेकिन थकती नहीं…...,
वजह कुछ नहीं, कुछ उम्मीद ज्यादा नहीं,
दो पल सुकून से बात हो ज्यादा कुछ उम्मीद नहीं….
ऐसा नहीं उन्हें हमारे एहसास का एहसास नहीं,
मसला ये है उनको समझने का ख्याल नहीं……
ऐसा नहीं वो बेरुखे है,
हकीकत ये है उनको हमारे जितना इश्क नहीं…,
कविता लिखे हुए वक़्त हो गया, नाराज़ हो जायेंगे,
इस डर से कविता सुनाने का दम नहीं….,
जिस दिन सुना दू ये कविता, तुम नाराज़ ना होना
हकीकत समझना मेरे दुख की सीमा नहीं…
जिस दिन तुम नहीं उस दिन मैं नहीं,
छोड़ने का ख्याल ना लाना तेरे बिना मैं नहीं….
जिस दिन फुर्सत मिले उस दिन डगर पर ज़रूर आना,
आँखे थकती नहीं… लेकिन सांसो का भी तो पता नहीं…
मेरा तड़पना लाज़मी है, इस जहाँ में खुदा का मिलना आसान नहीं,
एहसास काफी है, इन छोटे मोटे दर्द को झेलना कोई बड़ी बात नहीं…
अब कविता को यहीं रोकता हूँ आँखे भर आई,
अब कविता को आगे लिखने का वक़्त नहीं.....,
Written by - Ankahi_Bate