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अगर मैं कहूं....

Rockzz ✨श्वेतराग✨

खराब किस्मत का बादशाह (King of bad luck)
Senior's
Chat Pro User
If I ever say
"I love you more"

I don't just mean that I love you more than you love me...


I mean I love you more than the bad days ahead of us...
I mean
I love you more than any fight we ever have...
I mean
I love you more than any distance between us...
I mean
I love you more than anyone that has tried to get between us...
I mean that
I will love you:
always...
And that nothing will ever change that...

मै समां लूँ सीने में
सारी थकावट तेरी...
तू मुझे एक बार

बाहों में ले तो सही..
images.jpeg

इस खूबसूरत से रिश्ते को,
सदा संभाले रखना तुम..

हम मिले ना मिले पर हमेशा अपना,
बनाए रखना तुम...
 
If I ever say
"I love you more"

I don't just mean that I love you more than you love me...


I mean I love you more than the bad days ahead of us...
I mean
I love you more than any fight we ever have...
I mean
I love you more than any distance between us...
I mean
I love you more than anyone that has tried to get between us...
I mean that
I will love you:
always...
And that nothing will ever change that...

मै समां लूँ सीने में
सारी थकावट तेरी...
तू मुझे एक बार

बाहों में ले तो सही..
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इस खूबसूरत से रिश्ते को,
सदा संभाले रखना तुम..
हम मिले ना मिले पर हमेशा अपना,
बनाए रखना तुम
हम मिले न मिले मोहब्बतें रहें ज़रूरी है
बात हो न हो अच्छी यादें रहें ज़रूरी है

भूल जा तू वादे याद रख हमें ज़रूरी हैं
मंज़िल न हो एक साथ चलें ज़रूरी हैं

बस बिखरी ज़िंदगी समेट लें ज़रूरी है
अब तल्ख यादों को लपेट दें ज़रूरी है

क्या कहा तूने क्या न कहा भूलें ज़रूरी है
सुकूं के मेले हों खुशियों के झूले ज़रूरी है

है तपा सा उलझा सा क्या ये ज़रूरी है
है ख़फ़ा सा बहका सा क्या ये ज़रूरी है

सजा ले तू चेहरे पे मुस्कराहटों को ज़रूरी है
अपना दिल से अच्छी आदतों को ज़रूरी है..
 
If I ever say
"I love you more"

I don't just mean that I love you more than you love me...


I mean I love you more than the bad days ahead of us...
I mean
I love you more than any fight we ever have...
I mean
I love you more than any distance between us...
I mean
I love you more than anyone that has tried to get between us...
I mean that
I will love you:
always...
And that nothing will ever change that...

मै समां लूँ सीने में
सारी थकावट तेरी...
तू मुझे एक बार

बाहों में ले तो सही..
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इस खूबसूरत से रिश्ते को,
सदा संभाले रखना तुम..
हम मिले ना मिले पर हमेशा अपना,
बनाए रखना तुम...
अगर मैं कह दूं मर मिटेंगे हम तुझपे,
क्या वो भी कहेगा
हम भी जान लूटा देंगे तुझपे ?

अगर मैं कहूं बेइंतहा मोहब्बत करती हूॅं तुझसे
लेकिन क्या वो यकीन करेगा मुझपे..

अगर मैं कह दूं उससे कि जी नहीं सकती बगैर तेरे,
क्या वो भी ऐसा ही कुछ कहेगा?
 
अगर मैं कह दूं उससे कि तू मेरी ज़िंदगी में ज़रूरी
है ऐसे जैसे जिस्म में रूह का होना ज़रूरी है,
क्या वो फिदा हो जायेगा मुझपे?

अगर मैं कह दूं मेरे दिल में,मेरी यादों में सिर्फ तू रहता है,
क्या वो भरोसा करेगा मुझपे..

अगर मैं कह दूं रातों में नींद नहीं दिन में चैन नहीं
ऐ सनम तेरे बिना,
क्या वो कहेगा हम भी बेकरार है तेरे बिना?

अगर मैं कह दूं तेरे मुंतजिर है हम,
क्या वो कहेगा तेरे तलबगार हैं हम..
 
If I ever say
"I love you more"

I don't just mean that I love you more than you love me...


I mean I love you more than the bad days ahead of us...
I mean
I love you more than any fight we ever have...
I mean
I love you more than any distance between us...
I mean
I love you more than anyone that has tried to get between us...
I mean that
I will love you:
always...
And that nothing will ever change that...

मै समां लूँ सीने में
सारी थकावट तेरी...
तू मुझे एक बार

बाहों में ले तो सही..
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इस खूबसूरत से रिश्ते को,
सदा संभाले रखना तुम..
हम मिले ना मिले पर हमेशा अपना,
बनाए रखना तुम...
बेरूखी इतनी बड़ गइ हैँ यारा
सीने से लग के भी समा नहीं पाएंगे
फिर भी दिल से आवजा दोगे तो

हम दौड़ के चले आएंगे :speechless1:
 
बेरूखी इतनी बड़ गइ हैँ यारा
सीने से लग के भी समा नहीं पाएंगे
फिर भी दिल से आवजा दोगे तो

हम दौड़ के चले आएंगे :speechless1:
बेरुखी भी कबूल है
तुम्हारे इश्क में,
तुम वो करो जो तुम्हे ठीक लगे
मेरा इश्क तो कम होने से रहा।
 
अगर मैं कह दूं उससे कि तू मेरी ज़िंदगी में ज़रूरी
है ऐसे जैसे जिस्म में रूह का होना ज़रूरी है,
क्या वो फिदा हो जायेगा मुझपे?

अगर मैं कह दूं मेरे दिल में,मेरी यादों में सिर्फ तू रहता है,
क्या वो भरोसा करेगा मुझपे..

अगर मैं कह दूं रातों में नींद नहीं दिन में चैन नहीं
ऐ सनम तेरे बिना,
क्या वो कहेगा हम भी बेकरार है तेरे बिना?

अगर मैं कह दूं तेरे मुंतजिर है हम,
क्या वो कहेगा तेरे तलबगार हैं हम..
बढ़िया...

शायद नहीं...

अब शायद पहले जैसा वो मंजर न बचा
कैद रहना है जिस्म में, रूह की रिहाई तक।
 
Last edited:
अगर मैं कह दूं मर मिटेंगे हम तुझपे,
क्या वो भी कहेगा
हम भी जान लूटा देंगे तुझपे ?

अगर मैं कहूं बेइंतहा मोहब्बत करती हूॅं तुझसे
लेकिन क्या वो यकीन करेगा मुझपे..

अगर मैं कह दूं उससे कि जी नहीं सकती बगैर तेरे,
क्या वो भी ऐसा ही कुछ कहेगा?
बहुत खूब....

काश कि वो समझ पाते प्यार की गहराई को
तो कुछ न कहने पे भी, सब कुछ समझ जाते।
 
हम मिले न मिले मोहब्बतें रहें ज़रूरी है
बात हो न हो अच्छी यादें रहें ज़रूरी है

भूल जा तू वादे याद रख हमें ज़रूरी हैं
मंज़िल न हो एक साथ चलें ज़रूरी हैं

बस बिखरी ज़िंदगी समेट लें ज़रूरी है
अब तल्ख यादों को लपेट दें ज़रूरी है

क्या कहा तूने क्या न कहा भूलें ज़रूरी है
सुकूं के मेले हों खुशियों के झूले ज़रूरी है

है तपा सा उलझा सा क्या ये ज़रूरी है
है ख़फ़ा सा बहका सा क्या ये ज़रूरी है

सजा ले तू चेहरे पे मुस्कराहटों को ज़रूरी है
अपना दिल से अच्छी आदतों को ज़रूरी है..
सुंदर....

यादों के सहारे ही कटनी है जिंदगी अब
दुख कितने आएं अब मुस्कुराना जरूरी है।
 
बेरुखी भी कबूल है
तुम्हारे इश्क में,
तुम वो करो जो तुम्हे ठीक लगे
मेरा इश्क तो कम होने से रहा
वक़्त के साथ सब कुछ छूप जाता हैँ
धड़कने भी साथ कहा देति हे जानब
चलते चलते ही रुक जाता हैँ
 
वक़्त के साथ सब कुछ छूप जाता हैँ
धड़कने भी साथ कहा देति हे जानब
चलते चलते ही रुक जाता हैँ
जब बात जीने की ना रहके मरने की हो जाए
तो लफ्जों और धड़कनों की अहमियत नहीं रह जाती।
 
जब बात जीने की ना रहके मरने की हो जाए
तो लफ्जों और धड़कनों की अहमियत नहीं रह जाती।
आख़री लफ्जो की एहिमत आप क्या जानो
दुश्मसन की आखो से भी मोतिया टपकते हुए
हमने देखा हैँ,
 
आख़री लफ्जो की एहिमत आप क्या जानो
दुश्मसन की आखो से भी मोतिया टपकते हुए
हमने देखा हैँ,
सही कहा...
हमें कहां किसी की अहमियत का पता
पत्थरों के सीने में भला कब दिल होने लगे,
दुश्मन होता अगर तो दुश्मनी भी निभाते
प्यार का सबब सिखा उसने बेगाना जो बना दिया।
 
सही कहा...
हमें कहां किसी की अहमियत का पता
पत्थरों के सीने में भला कब दिल होने लगे,
दुश्मन होता अगर तो दुश्मनी भी निभाते
प्यार का सबब सिखा उसने बेगाना जो बना दिया।
खुदसे पूछिए वो बेगाने थे या अपने
सजी थी आँखो पे किस के सपने
रब उसका इश्क़ था जो हरपल
लगी थी उसीका नाम ज़पने
 
खुदसे पूछिए वो बेगाने थे या अपने
सजी थी आँखो पे किस के सपने
रब उसका इश्क़ था जो हरपल
लगी थी उसीका नाम ज़पने
फिर प्यार क्या इतना कमजोर था
कुछ पल की विकृति ने कम कर दिया
उसके प्यार के सच को भी पहचान नहीं पाई
फिर अब किस बात की लड़ाई।

वो जो कम हो जाए इश्क नहीं होता
और किस रिश्ते में लड़ना रूठना नहीं होता,
हर बार कोशिश भी की खुद को दिखाने की
अब जब आँखें ही बंद कर ली तो........
 
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