हर दिन बात करने की आदत सी थी,
अब हर दिन उसी खामोशी की आदत डालनी पड़ रही है।
शायद कुछ परेशानियाँ होंगी,
शायद हालात ज़ुबां से पहले बोल रहे हैं,
पर यकीन है…
कहीं ना कहीं, दिल में उम्मीद अब भी ज़िंदा है।
वो typing वाला blink…
फिर से दिखेगा एक दिन।
शब्द नहीं होंगे ज़रूरी,
बस एक “Hey” काफी होगा सब...