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  1. krishti

    शब्द

    ऐसे प्रतिक्रिया मिल जाये तो लिखने वालो को हौसला मिल जाता हें और लेख को निखारने कस भी, tarif से ज्यादा सुझाव हो तो
  2. krishti

    शब्द

    धन्यवाद, प्रतिक्रिया के लिए मेरा मानना हें युद्ध से तबाही के सीए कुछ नहीं मिलता, शांति प्रिये तो हम भी हैँ, बस कभी कभी तूफ़ान आता हें, सायद ये प्रकृति का एक भाग होगा
  3. krishti

    शब्द

    Ye kaun likh raha he, jo bhi ho dhanyawad sujhawa aur hausle ke liye
  4. krishti

    Yaad rakhna

    दो दिमाग़, दो दिल, दो सोच दो चाहत,,, एक :map:वो कैसे :nerdy: असंभव
  5. krishti

    Yaad rakhna

    ये सही कहा एक्सेप्टेड ये बात
  6. krishti

    शब्द

    गहरी नींद से अचानक नींद टूट गईं, आँख खुलते ही हिचकिया आने लगी,ऐसा लगा कोई याद कर रहा हो, सन्नाटा था चारों तरफ अधेरा ही अंधेरा , नजरें खिड़की पे पड़ा तो देखि चारो तरफ खोर छाया हुवा था,, फिर नजरें मोबाइल पे पड़ी झट से ऑन लाइन हो गईं, इधर भी सन्नाटाका मौसम छाया था,, पर हिचकिया रुक ही नहीं रही थी,मैं...
  7. krishti

    Yaad rakhna

    Do pangti line ko spasht rup se aina dikhadi, bahut khub ye gun bhi he tumhare paas :spoileralert:
  8. krishti

    Yaad rakhna

    :wait::wait:
  9. krishti

    शुभ प्रभात, आप का दिन शुभ और सुखमय रहे

    शुभ प्रभात, आप का दिन शुभ और सुखमय रहे
  10. krishti

    MALAL_E_ISHQ❤️(Post ur favrt saddest shayri)

    तन्हा इन आँखो को उसकी किरण की इंतजार थी पर वो कही और डूब रहता ,
  11. krishti

    MALAL_E_ISHQ❤️(Post ur favrt saddest shayri)

    हम तो ऐसे डूब गए हें रुलाओगी क्या :cry1: काश पलके उठाके देखती इन आँखो मे तेरा सारा भ्रम टूटजाता ऐसे अपनी पलकों से मोतिया न गिराती
  12. krishti

    आँखे मुंद के चली थी टकराई तो होस आया खाता किसकी थी पता नहीं सारे इल्जाम मेरे सर पे दोस आया...

    आँखे मुंद के चली थी टकराई तो होस आया खाता किसकी थी पता नहीं सारे इल्जाम मेरे सर पे दोस आया जलन भी मे मलहम भी मे दर्द भरी कहानी क्या लिखदी उसने उसकी दर्द भरी कलम भी मैं :smoking:
  13. krishti

    हम अब खुद से मिलने जा रहे हैँ अब गम को या खुशी उसी से खिलने जा रहे हैँ ना रको हमें शब्दो की...

    हम अब खुद से मिलने जा रहे हैँ अब गम को या खुशी उसी से खिलने जा रहे हैँ ना रको हमें शब्दो की जालो से छेडी हें जो युद्ध हमने दिलो से उसी से भिड़ने जा रहे हैँ:bandid:
  14. krishti

    कैसे पहचानती चहरे थे अलगसी बाते भी थी अलग से मंजिल तों वही था पर बनाया उसने रास्ते अलग सी...

    कैसे पहचानती चहरे थे अलगसी बाते भी थी अलग से मंजिल तों वही था पर बनाया उसने रास्ते अलग सी :smoking:
  15. krishti

    ख्वाइसे बस अब एक ही बची हैँ अब जो खुद को पाने का उनको भी पता चले क्या होता हें खो जाने का...

    ख्वाइसे बस अब एक ही बची हैँ अब जो खुद को पाने का उनको भी पता चले क्या होता हें खो जाने का :smoking:
  16. krishti

    फिर ये सजाये किस बात की थी जओ देखी थी क्या उसी ख्वाब की थी इतना भी हक़ ना रहा क्या इन आँखो को...

    फिर ये सजाये किस बात की थी जओ देखी थी क्या उसी ख्वाब की थी इतना भी हक़ ना रहा क्या इन आँखो को चुभने लगे फूल भी उन काटो को
  17. krishti

    दीदा-ए - तमन्ना ना कभी थी ना कभी होंगी आँख देखने के लिए होंगे तब न ये आँख रोगी :smoking:

    दीदा-ए - तमन्ना ना कभी थी ना कभी होंगी आँख देखने के लिए होंगे तब न ये आँख रोगी :smoking:
  18. krishti

    चाहतो का इंसाफ शब्दो मे मिलता हैँ, कभी हकीकत मे भी इन्साफ कीजिये गर आप को गुनेगार हम लग रहे...

    चाहतो का इंसाफ शब्दो मे मिलता हैँ, कभी हकीकत मे भी इन्साफ कीजिये गर आप को गुनेगार हम लग रहे ये तों कबूल हें हमें जो सजा देनी हैँ दीजिये
  19. krishti

    शिकायात की न कोही गुंजाइस न रहेंगी न हम रहरंगे न कोई शिकायत :smoking:

    शिकायात की न कोही गुंजाइस न रहेंगी न हम रहरंगे न कोई शिकायत :smoking:
  20. krishti

    पर हुवा कुछ ऐसा.. तेरी चाहतो मे खुद से मैं बागी बन गइ अपने ही खुशी का मैं बर्बादी बन गईं...

    पर हुवा कुछ ऐसा.. तेरी चाहतो मे खुद से मैं बागी बन गइ अपने ही खुशी का मैं बर्बादी बन गईं चली क्या गईं थी इश्क़की गली देखलो कैसे आज मैं अभागी बन गईं
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