न जाने क्या बदल गया हमारे बीच,
हँसी तो है पर वो साज़ नही है,
लफ्ज़ है पर उनमें आवाज़ नही है,
वो मेरे लिये सुबह की ताजगी जैसी है,
जिसकी कोई शाम नही है,
रिश्ता तो जरूर है हम दोनों का,
पर हमारे इस रिश्ते का कोई नाम नही है,
वो मेरी खुशियो में खुश होती है,
मैं उसकी तकलीफों में रोता हूँ,
वो मेरे खयालो...