मैं हूँ फ़ोटो, और तुम हो फोटोशॉप,
खुद को तुम्हारी वजह से अच्छा लगता था..
मगर जब ज़माने की निगाहों से देखा,
तो पाया कितनी दिखावटी और
नकली हो तुम..
ज़्यादा तकलीफ़ तो तब हुई..
जब मेरे अंदर मौजूद ज़माने के एक हिस्से ने कहा,
इसकी तो लगा रखी है फोटोशॉप ने,
उसी वक़्त हुआ ये अंतरिम फैसला,
कि आज तुम्हें...