पर हुवा कुछ ऐसा..
तेरी चाहतो मे खुद से मैं बागी बन गइ
अपने ही खुशी का मैं बर्बादी बन गईं
चली क्या गईं थी इश्क़की गली
देखलो कैसे आज मैं अभागी बन गईं
तेरी चाहतो मे खुद से मैं बागी बन गइ
अपने ही खुशी का मैं बर्बादी बन गईं
चली क्या गईं थी इश्क़की गली
देखलो कैसे आज मैं अभागी बन गईं
मे शब्द बनु तों तू मेरा लब्ज बनजाओ
मैं तेरी इश्क़ हूँ तों तू मेरा रब बनजाओ
इन लफ्जो पे तेरा नाम जप बनजाए
तू पूजा तू दुवा तू मेरा सब बनजाओ