तू एक दिन जब लौट कर मुझे ढूंढता आयेगा,
मुझे यूं बिखरा देख क्या खुद बिखर जाएगा?
या उठा लेगा मुझको और ज़र्रा-ज़र्रा जोड़ देगा
संभाल लेगा मुझको मेरी चुप्पी तोड़ देगा
वक्त भर से मेरे साथ रहा है क्या तेरा इंतज़ार मुझे छोड़ पाएगा?
तू एक दिन लौट कर मुझे ढूंढता आयेगा
में तुझको अगर न मिली तो फिर किधर जाएगा?
मुझे यूं बिखरा देख क्या खुद बिखर जाएगा?
या उठा लेगा मुझको और ज़र्रा-ज़र्रा जोड़ देगा
संभाल लेगा मुझको मेरी चुप्पी तोड़ देगा
वक्त भर से मेरे साथ रहा है क्या तेरा इंतज़ार मुझे छोड़ पाएगा?
तू एक दिन लौट कर मुझे ढूंढता आयेगा
में तुझको अगर न मिली तो फिर किधर जाएगा?