मुझे लोगों के लफ्जों से ज्यादा उनकी नीयत पर ध्यान देने की आदत है. लहजे नीयत बता देते है। जहां तक जिंदगी के अनुभवों की बात चल रही है तो.....
पढ़ाई चल रही है ज़िंदगी की
अभी उतरा नहीं बस्ता हमारा
पढ़ाई चल रही है ज़िंदगी की
अभी उतरा नहीं बस्ता हमारा
तुम्हारे लिए ये किसी खास अनुभव से निकली सोच है या बस यूँ ही ज़िन्दगी के तजुर्बों का निचोड़?