ग़ज़ल में आज फिर, वो भी है मै भी हूँ,
नज़र में आज फिर, वो भी है मैं भी हूँ,
मुद्दतों बाद लौटा हूँ उसी गली कूचे में,
शहर में आज फिर, वो भी है मैं भी हूँ,
जिद है सांसो के रास्ते दिल में उतर जाने की,
सफर में आज फिर, वो भी है मैं भी हूँ,
मोहब्बत तो बस दो दिलों का किस्सा है,
खूबसूरत बदन में आज फिर, वो भी है मैं भी हूँ,